सड़क मरम्मत के नाम पर ग्राम पंचायत कोतासुर में जमकर भ्रष्टाचार*पढ़ें पूरी खबर*

*सड़क मरम्मत के नाम पर ग्राम पंचायत कोतासुरा मे जमकर भ्रष्टाचार, दो डंफर बजरी गिट्टी की कीमत 99 हजार और 12 ट्रैक्टर ट्राली परिवहन भाड़ा 21 हजार???….! पढ़ें पूरी खबर…!!*
रायगढ़:-*
रायगढ़:- पुसौर जनपत क्षेत्र के आने वाले पंचायत ग्राम पंचायत कोतासुरा इन दोनों मीडिया और सोशल मीडिया पर सुर्खियों मे है, कुछ दिन पहले ही 15 अगस्त अमृत महोत्सव को ग्राम पंचायत कोतासुरा में महिला सरपंच श्रीमती सविता मालाकार के द्वारा उल्टा झंडा फहराए जाने का मामला मीडिया और सोशल मीडिया में वीडियो वायरल हो चुका है! ध्वज संहिता के उल्लंघन का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा कि अब ग्राम पंचायत कोतासुरा के सरपंच और सचिव की मिलीभगत से सड़क मरम्मत के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार करने की जानकारी सामने आ रही है!

*सड़क मरम्मत के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार….*
पुसौर जनपत पंचायत क्षेत्र अंतर्गत आने वाले  पंचायत ग्राम पंचायत कोतासुरा के महिला सरपंच सविता मालाकार के द्वारा रोड मरम्मत कार्य में भारी घोटाला का मामला प्रकाश में सामने आया है, सरपंच सविता मालाकार के द्वारा रोड मरम्मत कार्य में फर्जी बिल बनाकर एक लाख बीस हजार रुपए 15 वे वित से बिना स्टीमेट बनाए ही आहरण कर लिया है. जबकि 50,000 से अधिक राशि का काम करवाने में इंजीनियर से स्टीमेट बनवाना पडता है, शायद यही वजह है कि दो अलग-अलग सड़कों के नाम पर 49500-49500 का भुगतान किया गया है ताकि स्टीमेट पेश करना ना पड़े! वही जमीनी स्तर में किए गए कार्य में मात्र दो डंफर बजरी गिट्टी का (बारीक डस्ट) गिराए है. जिसका वर्तमान मार्केट रेट लगभग प्रति डंपर दस हजार रुपए के आसपास है, बाजार मूल्य के हिसाब से दो डंफर का रेट लगभग बीस हजार रुपए होता हैं. तथा एक डंपर मे लगभग 6 ट्राली ट्रैक्टर माल रहता है तो उस हिसाब से दो डंपर का 12 ट्राली ट्रैक्टर में होना चाहिए! प्रति ट्रैक्टर का लोडिंग अनलोडिंग चार्ज 500 से 600 के आसपास होता है। जिस हिसाब से 12 ट्राली का 500 हिसाब से 6000 हजार होगा! वही बजरी गिट्टी और ट्रैक्टर किराया चार्ज जोड़ने पर कुल 30 हजार हो रहा है जबकि सड़क मरम्मत के नाम पर कुल टोटल एक लाख बीस हजार का रुपए आहरण किया गया है! ग्राम पंचायत कोतासुरा के ऑनलाइन रिकॉर्ड में दर्ज भुगतान की जानकारी के अनुसार गिट्टी का पेमेंट और ट्रैक्टर भाड़ा का भुगतान एक ही दिनांक 19/8/22 तारीख को हुआ है, जिसमे सौम्या ट्रेडिंग को 49500-49500 के दो बार मे कुल 99 हजार रुपये भुगतान किया गया है तथा ट्रैक्टर का भाड़ा बबलू सिदार को ₹11000 और तेजराम सिदार को ₹10000 दिया गया है!
गौरतलब हो कि ग्राम पंचायत कोतासुरा मे पिछले दिनों ध्वज संहिता के उल्लंघन के मामले में अभी तक किसी ने कोई शिकायत नहीं की है, वही कोतासुरा सरपंच द्वारा उल्टा झंडा फहराने की फोटो और वीडियो मीडिया और सोशल मीडिया में सुर्खियों में रही! वीडियो वायरल होने के बाद भी प्रशासन द्वारा ध्वज संहिता के उल्लंघन मामले को संज्ञान तक नहीं लिया है? अब कोतासुरा मे सड़क मरम्मत के नाम पर किए गए नए भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा पर है! एक तरफ स्थिति अब भी जस की तस बनी हुई है, कोतासुरा की रोड में अभी भी कीचड़ फैला हुआ है। सड़क पर ग्रामीणों को चलने में बहुत परेशानी हो रही है! जनता की परेशानियों को भी अवसर के रूप में भुनाकर जिम्मेदार जनप्रतिनिधि सरपंच और सचिव फर्जी बिल बनाकर शासन एवम जनता को चुना लगाया जा रहा है!

*सड़क मरम्मत के नाम पर हुए भ्रष्टाचार उजागर होते ही सरपंच और सचिव  को सांप सूंघ गया??…*
इस संबंध में हमने ग्राम पंचायत कोतासुरा के सचिव बलराम महाना को फ़ोन कर मामले की जानकारी लेते हुए उनका पक्ष जानना चाहा, आखिर सड़क मरम्मत के नाम पर कितने रुपए का आहरण किया गया है तथा प्रति डंपर गिट्टी का भुगतान कितने रुपए दिया गया? ट्रैक्टर भाड़ा प्रति ट्रीप कितने रुपए की दर से भुगतान किया गया? सवाल सुनते ही मानो जैसे उनको सांप सूंघ गया? और कुछ वक्त तक मोबाइल चालू रहते हुए भी सन्नाटा पसरा रहा फिर कई बार हेलो हेलो करने के बाद सचिव ने सूचना का अधिकार लगाने की नसीहत देते हुए फोन काट दिया तथा दोबारा उन्हें संपर्क करने पर मोबाइल बंद बताया! सड़क मरम्मत के नाम पर हुए घोटाले का मामला उजागर होते ही भ्रष्टाचारियों को मानो जैसे सांप सूंघ गया हो? क्योंकि ध्वज संहिता का उल्लंघन मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है! वही ग्रामीणों में सड़क निर्माण को लेकर भ्रष्टाचार के चर्चे होने लगे है! वही इस संबंध में हमने सरपंच के श्रीमती सविता मालाकार के मोबाइल पर कई बार संपर्क कर उनका पक्ष जानना चाहा किंतु उनका मोबाइल स्विच ऑफ रहने से बात नहीं हो सकी!

बहरहाल अब यह देखना लाजिमी होगा कि अमृत महोत्सव पर ध्वज संहिता और सड़क मरम्मत के नाम पर 15 वे वित्त में किए गए लाखों के भ्रष्टाचार मामले की खबर प्रकाशन होने के बाद जिला प्रशासन संज्ञान लेकर किस प्रकार की कार्यवाही करेगी शिकायत का इंतजार करेगी??

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